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बलिया में किसानों की जमीन पर बाढ़ विभाग की दखल, अन्नदाताओं ने JE के खिलाफ दी तहरीर

बैरिया, बलिया : बाढ़ विभाग द्वारा किसानों की जमीन को बिना अनुमति लिए काटकर रास्ता बनाने से किसानों की जमीन पर कटान के निमंत्रण का खतरा बढ़ गया है। यही नहीं, करीब 15 कट्ठा से अधिक जमीन पर बिना अनुमति के सीमेंट, बालू गिराकर अपने कब्जे में लेकर उस पर कटानरोधी कार्य करा रहे है। इससे किसानों में आक्रोश है।


दोकटी थाना क्षेत्र के मुरारपट्टी निवासी किसान पुरुषोत्तम तिवारी, दया शंकर तिवारी, अशोक तिवारी, चंद्रेश तिवारी आदि मुरारपट्टी मौजे के आराजी नम्बर 779 के भूमिधर किसान है। इसका कुछ भाग गंगा नदी में विलीन हो गया है। शेष भूमि को यही किसान कास्तकारी करते है। शेष भूमि जो गंगा नदी से पच्चीस से तीस मीटर दूर है, उस जमीन को कटानरोधी कार्य के लिए बिना किसानों की अनुमति के जेसीबी लगाकर उक्त भूमि को काट कर अरार (जिससे बाढ़ आने पर कटान होता है) बना दिए है।

इससे किसानों की भूमि पर कटान का खतरा बढ़ गया है। यही नहीं, किसानों की जमीन को बिना अनुमति लिए 15 कट्ठा से अधिक भूमि कब्जा कर वहा बालू सीमेंट आदि गिराकर अपना प्लाट बनाकर उस जमीन पर कटान रोधी कार्य में उपयोग में आने वाली पिल्लर ढालने का का काम कर रहे है। पूछे जाने पर बाढ़ विभाग के अवर अभियंता सरकारी भूमि बता कर किसानों को सरकारी काम का हवाला दे रहे है। जबकि नियम के मुताबिक कस्तकारो से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने के बाद ही उसकी जमीन का उपयोग किये जाने का प्राविधान है।


इससे किसानों मे आक्रोश है। उक्त किसानो ने बाढ़ विभाग की इस मनमानी रवैये से नाराज होकर आर-पार की लड़ाई लड़ने के मुड में है। इस संदर्भ में अधीक्षण अभियंता संजय मिश्र ने बताया कि बिना अनुमति किसानों की जमीन को काटा नहीं जा सकता। मैं जांच करा कर कारवाई करूंगा। इधर किसान अवर अभियंता के खिलाफ धोखा धडी देने और बिना अनुमति के उनकी जमीन नुकसान करने की तहरीर दोकटी पुलिस को दिया है। दोकटी थानाध्यक्ष मदन पटेल ने बताया कि तहरीर मिली है। दोनों पक्ष को बुलाया गया है। जांचोंपरांत उचित कार्रवाई होगी।

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